Din aa gaye
दिन आ गए शबाब के आँचल सँभालिए
होने लगी है शहर में हलचल सँभालिए
सजधज के आप निकले सरे राह खैर हो
टकरा न जाए आपका पागल सँभालिए
निकलो न घर से दूर किसी अजनबी के साथ
बरसेंगे ज़ोर शोर से बादल सँभालिए
चलिए सँभल सँभल के कठिन राहे इश्क है
नाज़ुक बहुत है आपकी पायल सँभालिए
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