Sunday, January 8, 2012

Maa sunawo



माँ सुनाओ मुझेवो कहानी
जिसमें राजा न हो , ना हो रानी

जो हमारी तुम्हारी कथा हो
जो सभी के हृदय की व्यथा हो
गंघ जिसमें भरी हो धरा की
बात जिसमें न हो अप्सरा की
हों न परियाँ जहाँ आसमानी.....माँ सुनाओ ....

वो कहानी जो हँसना सीखा दे
पेट की भूख को जो भुला दे
जिसमें सच की भरी चाँदनी हो
जिसमें उम्मीद की रोशनी हो
जिसमें ना हो कहानी पुरानी.....माँ सुनाओ....

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